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नए साल 2025 से लागू होने वाले 10 महत्वपूर्ण नियम: छात्रों के लिए बड़े बदलाव

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2025 से देशभर के छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), और विभिन्न राज्य बोर्ड द्वारा लागू किए जाएंगे। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।

1. CBSE बोर्ड के नए परीक्षा नियम

CBSE ने 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इस नए नियम के तहत छात्र केवल तभी परीक्षा में बैठ पाएंगे जब उनकी उपस्थिति 75% या उससे अधिक होगी।

2. परीक्षा पैटर्न में बदलाव

2025 से CBSE की बोर्ड परीक्षाओं में योग्यता आधारित सवाल अधिक होंगे। छात्रों की रटने की बजाय प्रैक्टिकल नॉलेज और समस्या-समाधान कौशल को परखा जाएगा।

3. साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं

CBSE और NCERT दोनों ने घोषणा की है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी।

4. NCERT की नई पाठ्यपुस्तकें

NCERT द्वारा कक्षा 4, 5, 7, और 8 के लिए नई पाठ्यपुस्तकें जारी की जाएंगी। ये पुस्तकें अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में उपलब्ध होंगी।

5. साथी पोर्टल का शुभारंभ

NCERT ने ‘साथी पोर्टल’ लॉन्च किया है। इसके माध्यम से छात्रों को JEE, NEET, और SSC जैसी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी की सुविधा मिलेगी।

6. JEE और NEET में बदलाव

JEE और NEET परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। साथ ही, दिव्यांग छात्रों को 1 घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

7. बिहार में ऑनलाइन उपस्थिति का नियम

बिहार के सरकारी स्कूलों में 2025 से छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इस प्रक्रिया में फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

8. कौशल विकास केंद्रों की स्थापना

बिहार में 8000 कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर छात्रों को रोजगार आधारित प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे।

9. 10वीं के बाद सीधे मेडिकल कोर्स में प्रवेश

अब 10वीं पास छात्र सीधे BAMS (आयुर्वेद चिकित्सा स्नातक) कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे। 12वीं पास करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।

10. यूपी बोर्ड में कड़े सुरक्षा उपाय

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। अब एक परीक्षा केंद्र पर अधिकतम 2000 छात्र ही परीक्षा दे पाएंगे।

ये सभी बदलाव छात्रों की शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों को इन नए नियमों को समझकर तैयारी करनी चाहिए। शिक्षा में ये सुधार न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे देश के शैक्षणिक ढांचे के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

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