आज हम गन्ने की बुवाई के दौरान उपयोगी खादों, दवाओं और तकनीकों पर चर्चा करेंगे, जो आपकी फसल का जमाव मजबूत करेगी और उत्पादन बढ़ाएगी। चलिए, शुरू करते हैं
खेत की तैयारी: जिप्सम है पहला कदम
गन्ने की बुवाई से पहले खेत की 3-4 जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। आखिरी जुताई के समय जिप्सम (100 किलो प्रति एकड़) का इस्तेमाल अवश्य करें। जिप्सम में मौजूद 23% कैल्शियम और 18% सल्फर मिट्टी की संरचना सुधारते हैं और पौधों को शुरुआती पोषण देते हैं। सावधानी: अधिक जिप्सम मिट्टी का pH बिगाड़ सकता है, इसलिए मात्रा निर्धारित करें।
बुवाई के समय डालें ये खादें
- एनपीके या डीएपी: 50 किलो (1 बोरी) प्रति एकड़। यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश देकर पौधे की वृद्धि को गति देता है।
- सागरिका बायो-फर्टिलाइजर: 10 किलो प्रति एकड़। यह जैविक खाद जड़ों को मजबूत करती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाती है।
- सल्फर (वैकल्पिक): यदि जिप्सम न डालें, तो 3 किलो पाउडर या 10 किलो दानेदार सल्फर प्रति एकड़ उपयोग करें।
कीटनाशकों का सही इस्तेमाल
गन्ने के बीज को कीटों और रोगों से बचाने के लिए निम्न में से कोई एक दवा चुनें:
- काटप/लेसेंटा/रिजेंट: 8-10 किलो प्रति एकड़। इसे खाद के साथ मिलाकर बुवाई के समय डालें।
- स्प्रे विधि: लेसेंटा को 1 लीटर पानी में घोलकर गन्ने के बीज पर छिड़कें।
बीज शोधन: स्वस्थ फसल की नींव
बीज को फंगल संक्रमण से बचाने के लिए इन फफूंदनाशकों में से किसी एक का उपयोग करें
- कार्बेंडाजिम + मैन्कोजेब: 2 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर बीज को 20 मिनट तक भिगोएं।
- थायोफेनेट मिथाइल 70% WP: 40-50 ग्राम प्रति 20 लीटर पानी में मिलाएं और बीज पर छिड़कें।
सफलता के टिप्स
- बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।
- खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई करें।
- मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए गन्ने के अवशेषों से मल्चिंग करें।
गन्ने की बुवाई में जिप्सम, एनपीके/डीएपी, सागरिका और सही कीटनाशकों का संतुलित उपयोग आपकी फसल को स्वस्थ और उत्पादन को दोगुना कर सकता है। याद रखें, बीज शोधन और मिट्टी की तैयारी सफलता की कुंजी है।