फरवरी का महीना गन्ने की बुवाई के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय बुवाई करने से न सिर्फ फसल अच्छी होती है, बल्कि पैदावार भी ज्यादा मिलती है। अगर किसान कुछ खास बातों का ध्यान रखें, तो वे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। आइए जानते हैं कि फरवरी में गन्ने की बुवाई करते समय क्या करना चाहिए।
सही किस्म का चुनाव
गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए सही किस्म का चुनाव बहुत जरूरी है। फरवरी में बुवाई के लिए ऐसी किस्में चुनें जो रोगों से लड़ने में मजबूत हों। कुछ अच्छी किस्में हैं:
- को.शा. 13235: यह किस्म सीधी और मोटी होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 81 से 92 टन तक उत्पादन मिलता है।
- को.शा. 17231: यह किस्म 14 से 15 फीट लंबी होती है और रोगों से लड़ने में सक्षम है।
- को.शा. 18231: यह किस्म प्रति एकड़ 90.6 टन तक उत्पादन देती है और चीनी बनाने के लिए भी अच्छी है।
खेत की तैयारी
बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें। मिट्टी को भुरभुरा बनाएं और जैविक खाद डालें। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और फसल अच्छी होगी। मल्चिंग (पलवार) का उपयोग करने से मिट्टी में नमी बनी रहेगी और खरपतवार कम होंगे।
बुवाई का तरीका
गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच विधि सबसे अच्छी मानी जाती है। इसमें खेत में 1 फीट चौड़ी और 20-25 सेंटीमीटर गहरी नालियां बनाएं। इन नालियों में एक या दो आंख वाले गन्ने के टुकड़े लगाएं। इस तरीके से पानी और पोषक तत्व गन्ने की जड़ों तक आसानी से पहुंचते हैं।
सिंचाई और खाद
बुवाई के बाद सिंचाई का खास ध्यान रखें। गन्ने की जड़ों को अच्छी तरह विकसित होने के लिए पानी की जरूरत होती है। खाद के रूप में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें। यह फसल के विकास के लिए जरूरी है।
रोग और कीटों से बचाव
फरवरी में बुवाई करने से गन्ने में लाल सड़न रोग का खतरा कम होता है। फिर भी, फसल की नियमित जांच करते रहें। अगर किसी तरह के रोग या कीट दिखें, तो तुरंत जैविक या रासायनिक उपचार करें।
पैदावार और मुनाफा
फरवरी में बोई गई गन्ने की फसल 10 से 12 महीने में तैयार हो जाती है। इससे प्रति हेक्टेयर 800 से 1000 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। यह किसानों के लिए अच्छा मुनाफा लेकर आता है।
फरवरी में गन्ने की बुवाई करते समय अगर किसान सही किस्म चुनें, खेत की अच्छी तैयारी करें, सही बुवाई विधि अपनाएं और फसल की देखभाल करें, तो वे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।