उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए गन्ने का न्यूनतम मूल्य (एसएमएस) बढ़ाने की घोषणा की है। इस फैसले के बाद अब प्रदेश के गन्ना किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि गन्ना उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए, जानते हैं कि योगी सरकार के इस फैसले से किसानों को क्या-क्या फायदे होंगे और गन्ने का नया मूल्य क्या होगा।
गन्ने के न्यूनतम मूल्य में बढ़ोतरी
योगी सरकार ने गन्ने के न्यूनतम मूल्य (एसएमएस) में बढ़ोतरी करते हुए इसे प्रति क्विंटल 25 रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत सामान्य किस्म के गन्ने का मूल्य अब 340 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जबकि प्रारंभिक और असामान्य किस्म के गन्ने का मूल्य क्रमशः 350 रुपये और 335 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह बढ़ोतरी गन्ना किसानों की आय में सीधे तौर पर इजाफा करेगी और उन्हें बेहतर मुनाफा देगी।
किसानों के लिए बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की संख्या लाखों में है, और यह फसल उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत है। पिछले कुछ वर्षों में गन्ने के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लेकिन, योगी सरकार के इस फैसले से किसानों को एक बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
चीनी मिलों को भी निर्देश
योगी सरकार ने चीनी मिलों को भी निर्देश दिए हैं कि वे गन्ना किसानों का भुगतान समय पर करें। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई चीनी मिल किसानों का भुगतान समय पर नहीं करती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे किसानों को उनकी मेहनत का पैसा समय पर मिलेगा और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किसानों की प्रतिक्रिया
योगी सरकार के इस फैसले पर गन्ना किसानों ने खुशी जाहिर की है। किसानों का कहना है कि इससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। किसानों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए इसे किसान हितैषी फैसला बताया है।
योगी सरकार का यह फैसला गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। गन्ने के न्यूनतम मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सरकार के इस कदम से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। किसानों को अब अपनी मेहनत का बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी बल्ले-बल्ले होगी।