सरकार ने सभी किसानों का डेटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से “किसान रजिस्ट्री” की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत सभी किसानों की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरकार ने सभी किसानों का डेटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से “किसान रजिस्ट्री” की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत सभी किसानों की जानकारी एकत्रित की जा रही है, ताकि सरकार के पास हर किसान की कुंडली (विवरण) हो। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि सभी किसान इस रजिस्ट्री में पंजीकृत हों।
हर किसान को एक विशिष्ट पहचान (आईडी) दी जाएगी ताकि उनकी पहचान हो सके और उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। इसके अलावा सरकार यह भी जान सकेगी कि किसी किसान के पास कितनी जमीन है और वह जमीन सिंचित है या असिंचित।
किसान रजिस्ट्री के बाद मिलेंगे ये लाभ
कृषि विभाग ने सभी जिलों को 30 नवंबर 2024 तक “किसान रजिस्ट्री” प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत किसानों को 30 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, क्योंकि सरकार ने साफ कर दिया है कि दिसंबर 2024 से पीएम किसान योजना का लाभ किसान आईडी के जरिए ही दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस रजिस्ट्री से किसानों के हित में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से हो सकेगा, जिससे सभी किसानों को योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
- किसान रजिस्ट्री का रजिस्ट्रेशन https://agristack.gov.in पोर्टल के जरिए होगा।
- इस रजिस्ट्रेशन के लिए पटवारी, युवा और किसानों को मोबाइल ऐप के जरिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है।
- किसानों के लिए किसान रजिस्ट्री एमपी मोबाइल ऐप, स्थानीय युवाओं के लिए किसान सहायक एमपी ऐप उपलब्ध कराया गया है।
- इसमें प्रदेश के भू-अभिलेखों के आंकड़ों के आधार पर काम किया जा रहा है।
- इससे हर गांव में किसान की जमीन की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी।
- प्रत्येक किसान आईडी बनाने के लिए स्थानीय युवाओं को 10 रुपये की राशि दी जाएगी।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित कार्य पूर्ण करने के साथ ही प्रत्येक अतिरिक्त खाता जोड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को 5 रुपये दिए जाएंगे।
इसमें सभी जानकारियां दर्ज होंगी
किसानों की पूरी जानकारी, जैसे मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी किसान रजिस्ट्री में दर्ज होगी। रजिस्ट्री तैयार होने के बाद जरूरत पड़ने पर जिला, तहसील और गांव का चयन कर जमीन मालिक और खाते की जानकारी निकाली जा सकेगी। इस प्रक्रिया में एप और पोर्टल के जरिए किसानों के सभी खातों को लिंक कर ई-केवाईसी भी की जाएगी, जिसके लिए किसान की सहमति इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ली जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की किसान आईडी प्राथमिकता के आधार पर बनाई जाएगी। इसमें प्रत्येक खाताधारक का खसरा नंबर, हिस्सा, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और ई-केवाईसी विवरण दर्ज किया जाएगा। भू-अभिलेख में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होने पर किसान रजिस्ट्री स्वतः अपडेट हो जाएगी। इसके अलावा डिजिटल फसल सर्वेक्षण के अंतर्गत प्रत्येक खसरे में दर्ज फसल की जानकारी भी रजिस्ट्री में उपलब्ध रहेगी। भू-स्वामी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से निर्धारित शुल्क देकर किसान रजिस्ट्री बनवा सकते हैं। इस कार्य के लिए स्थानीय युवाओं को चिन्हित किया गया है, जो अभियान के रूप में किसान रजिस्ट्री बनाने का कार्य करेंगे और उन्हें इस कार्य का भुगतान आधार से जुड़े बैंक खाते में किया जाएगा।
किसानों के पंजीयन का उद्देश्य किसानों के पंजीयन का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य के सभी किसानों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पारदर्शी एवं समय पर मिल सके। पंजीयन से किसानों की पहचान एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, जिससे योजनाओं का लाभ मिलना आसान हो जाएगा। इसके अलावा पंजीयन से किसानों को कृषि ऋण, वित्तीय सेवाएं एवं अन्य कृषि सेवाएं प्राप्त करने में भी सुविधा होगी, जिससे उन्हें सेवाएं शीघ्र एवं आसानी से मिल सकेंगी।
किसानों के पंजीकरण से होंगे कई लाभ
- पीएम किसान योजना की किस्त पाने की आवश्यकता को पूरा करना आसान होगा।
- किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि अवसंरचना निधि और अन्य कृषि विकास ऋण आसानी से मिल सकेंगे।
- फसल बीमा का लाभ भी आसानी से मिलेगा और आपदा की स्थिति में मुआवजे के लिए किसानों की पहचान करना आसान होगा।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकेगा।
- सरकारी योजना का लाभ दिलाने में किसान रजिस्ट्री डेटा मददगार होगा