केंद्र सरकार ने किसानों की सहायता के लिए फार्मर रजिस्ट्री नाम की नई पहल शुरू की है। इसके तहत सभी किसानों के खेतों को उनके आधार से जोड़ा जाएगा, ताकि एक डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों की जानकारी को सही और आसानी से हासिल करना है।
Farmer Registry क्या है?
फार्मर रजिस्ट्री के जरिए किसानों की जमीन का सत्यापन एक साथ किया जाएगा। अभी तक किसानों को अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग सत्यापन कराना पड़ता था, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। इस रजिस्ट्री से सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित रहेंगी, और भविष्य में किसानों को बार-बार सत्यापन नहीं कराना पड़ेगा।
गांव-गांव लगाए जाएंगे शिविर
सरकार ने इस रजिस्ट्री के लिए गांवों में शिविर लगाने की योजना बनाई है।
- हर जिले में शिविर की तारीख और समय की जानकारी दी जाएगी।
- जिला कृषि अधिकारी और अन्य प्रशिक्षित लोग इन शिविरों का संचालन करेंगे।
OTP के माध्यम से eKYC और eSign
फार्मर रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड का उपयोग करना आवश्यक है।
- OTP और eSign के जरिए किसानों की जानकारी सुरक्षित की जाएगी।
- किसानों का आधार उनके मोबाइल से लिंक होना चाहिए ताकि वे आसानी से सत्यापन कर सकें। एक बार सत्यापन के बाद हर किसान को एक यूनिक आईडी दी जाएगी।
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को लाभ
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को कई फायदे होंगे
- बार-बार सत्यापन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- किसान को एक यूनिक आईडी मिलेगी।
- जिनकी रजिस्ट्री नहीं होगी, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
- ये सभी प्रक्रिया डिजिटल होने से सुरक्षित और स्पष्ट रहेगी।
शिविरों में किसानों का पंजीयन कैसे होगा?
- गांव में शिविर लगाए जाएंगे।
- किसानों की जानकारी और भूमि का सत्यापन किया जाएगा।
- आधार को खेतों से जोड़ा जाएगा।
- सत्यापन के बाद यूनिक आईडी बनाई जाएगी।
फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य क्यों है?
फार्मर रजिस्ट्री हर किसान के लिए जरूरी है।
- जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं, उन्हें भी इसमें पंजीकरण कराना होगा।
- जिनका पंजीकरण नहीं होगा, उनकी सम्मान निधि बंद हो जाएगी।
डिजिटल भारत की ओर कदम
फार्मर रजिस्ट्री डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा है।
- यह कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और सटीकता लाने में मदद करेगी।
- किसानों के डाटा को डिजिटल करने से संसाधनों की बचत होगी।
फार्मर रजिस्ट्री अभियान किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भूमि सत्यापन को सरल बनाएगा, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता भी बढ़ाएगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर शिविर में जाकर पंजीकरण कराएं और इस पहल का लाभ उठाएं।