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गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर: इस तकनीक से करें खेती, होगा दुगना फायदा

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गन्ना किसानों के लिए एक नई तकनीक ने खेती में क्रांति ला दी है, जिससे उनकी उपज और लाभ दोनों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र के किसानों द्वारा अपनाई गई कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीक अब उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए भी उपलब्ध है। इस तकनीक का उपयोग करके किसान न केवल अपनी फसल की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं, बल्कि पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की बचत भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस नई तकनीक के बारे में और यह कैसे गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।

AI आधारित खेती का लाभ

कृषि विकास ट्रस्ट (ADT) और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित AI आधारित उपकरणों का उपयोग करते हुए गन्ना किसान अपनी फसल की देखभाल को अधिक प्रभावी ढंग से कर सकते हैं। इस तकनीक से किसानों को निम्नलिखित लाभ मिल रहे हैं:

  1. AI तकनीक किसानों को यह बताती है कि उनकी फसल को कितने पानी की जरूरत है, उर्वरकों का छिड़काव कब करना है और संभावित कीट हमलों के बारे में पहले ही सतर्क कर देती है।
  2. किसान महेंद्र थोरेट ने बताया कि उन्होंने 50% तक पानी बचाया है और कीटनाशकों का उपयोग भी कम किया है। इससे न केवल लागत कम हुई है बल्कि फसल की पैदावार में भी वृद्धि हुई है।
  3. AI तकनीक का उपयोग करने वाले किसान अपनी फसल की पैदावार में 40% तक वृद्धि देखने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

किसानों का अनुभव

इंदापुर के नवले गाँव के किसान बापू अवध ने AI तकनीक का उपयोग शुरू किया है। उन्होंने कहा, “यह नया है लेकिन बहुत मददगार है। यह मिट्टी की स्थिति और जल आवश्यकता की जानकारी भी देता है।” उनके अनुसार, इस तकनीक ने उनकी फसल को पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर बनाया है।

अहमदनगर जिले के श्रीगोंडा तालुका के किसान अमित नवले ने भी AI तकनीक को अपनाया है। उन्होंने कहा, “इस ग्रुप के सभी किसान AI से बहुत खुश हैं। वे मानते हैं कि इससे पानी, उत्पादन लागत और कीटनाशकों के खर्च में भारी कमी आई है।”

सरकारी पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति का निर्देश दिया है, ताकि किसान नई तकनीकों को अपनाने में सक्षम हों।

सरकार ने टिश्यू कल्चर पद्धति का उपयोग करके गन्ने की नई किस्में विकसित करने का भी फैसला लिया है। इससे गन्ने की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार होगा।

गन्ना किसानों के लिए यह नई AI आधारित तकनीक एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इससे न केवल उनकी उपज बढ़ेगी बल्कि वे अपनी लागत को भी कम कर सकेंगे। यह तकनीक उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस नई तकनीक को अपनाएं और अपने अनुभव साझा करें ताकि अन्य किसान भी इससे लाभान्वित हो सकें। गन्ना खेती में इस डिजिटल क्रांति से किसानों का जीवन स्तर ऊँचा उठेगा और कृषि क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी। सभी गन्ना किसानों को शुभकामनाएँ!

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