गन्ना खेती भारत में एक प्रमुख फसल है और यह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गन्ने की कटाई के बाद अगर कुछ खास उपाय किए जाएं, तो इसका उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़ सकते हैं। एक प्रभावी तरीका है गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे करना, जिससे गन्ने के फुटाव में सुधार और उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। आइए जानते हैं कि कैसे इस स्प्रे का इस्तेमाल करके आप अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे क्यों जरूरी है?
गन्ने की कटाई के बाद यदि सही उपाय न किए जाएं तो गन्ने में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कटाई के बाद गन्ने के नीचे का हिस्सा काला या लाल पड़ सकता है, जो फफूंद के कारण होता है। इससे गन्ने की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है और उसके फुटाव में भी कमी आती है। इसलिए, गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे करना जरूरी होता है, ताकि गन्ने में फफूंद और रोगों से बचाव हो सके, जिससे फुटाव और उत्पादन बेहतर हो सके।
स्प्रे में कौन-कौन सी चीजें शामिल करें?
गन्ने की कटाई के बाद जो स्प्रे किया जाता है, उसमें मुख्य रूप से दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है
- कार्बेंडाजिम: यह एक सिस्टमिक फंगी साइड है, जो गन्ने के अंदर जाकर फफूंद को नष्ट करता है।
- मैनकोजेब: यह एक कांटेक्ट फंगी साइड है, जो गन्ने के बाहरी हिस्से से फफूंद को नष्ट करता है और इसे फैलने से रोकता है।
इसके साथ, गन्ने में कीटों का भी खतरा होता है, इसलिए कीटनाशक का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
कीटनाशक का प्रयोग
गन्ने में कीटों के कारण होने वाली समस्याओं से बचने के लिए फिप्रो (फिप्रोनिल) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कीटनाशक गन्ने के पौधों को कीटों से बचाता है।
कीटनाशक की मात्रा
- 500 एमएल फिप्रो प्रति एकड़ लें।
- साथ में 500 ग्राम कार्बेंडाजिम + मैनकोजेब का मिश्रण बनाकर स्प्रे करें।
इस मिश्रण से गन्ने की फसल को फफूंद और कीटों से बचाया जा सकता है, जिससे गन्ने का फुटाव और उत्पादन बेहतर होता है।
गन्ने के फुटाव पर प्रभाव
गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे करने से गन्ने के नीचे के कटे हुए हिस्से में जो काला या लालपन दिखाई देता है, वह ठीक हो जाता है। यह काला हिस्सा फफूंद के कारण होता है। स्प्रे से फफूंद का प्रभाव कम होता है और गन्ने में रोगों का हमला भी कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप गन्ने का फुटाव अच्छा होता है, और उसमें लंबाई और मोटाई आती है।
गन्ने के उत्पादन में वृद्धि
स्प्रे करने से गन्ने में रोग और कीटों की समस्याएं कम होती हैं, जिससे गन्ने का फुटाव बेहतर होता है। यह गन्ने की गुणवत्ता को भी सुधारता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। सही स्प्रे करने से गन्ने के कल्ले मजबूत और मोटे होते हैं, जिससे अधिक उत्पादन मिलता है और किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे क्यों करना चाहिए?
गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे करने से फफूंद और कीटों से बचाव होता है, जिससे गन्ने का फुटाव और उत्पादन बेहतर होता है।
2. कौन से फंगी साइड का इस्तेमाल करना चाहिए?
गन्ने की कटाई के बाद कार्बेंडाजिम और मैनकोजेब का इस्तेमाल करना चाहिए, जो फफूंद को नष्ट करने में मदद करते हैं।
3. कीटनाशक के रूप में कौन सा उत्पाद अच्छा है?
फिप्रो (फिप्रोनिल) का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो कीटों से गन्ने की फसल को बचाता है।
4. स्प्रे करने के बाद गन्ने में क्या सुधार होगा?
स्प्रे करने से गन्ने का फुटाव बेहतर होता है, और उसमें लंबाई और मोटाई बढ़ती है। फफूंद और कीटों से होने वाली समस्याएं भी कम होती हैं।
5. स्प्रे की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
प्रति एकड़ 500 एमएल फिप्रो और 500 ग्राम कार्बेंडाजिम + मैनकोजेब का मिश्रण लें।
गन्ने की कटाई के बाद सही तरीके से स्प्रे करने से गन्ने के फुटाव में सुधार आता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। यह तरीका गन्ने के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।