उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने की दो नई उन्नत किस्में, को.शा. 18231 और को.लख. 16202, किसानों के लिए पेश की हैं। ये किस्में न केवल बंपर उत्पादन देने वाली हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधी भी हैं। इन किस्मों से गन्ने की पैदावार 900 से 920 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
किसानों के लिए इन नई किस्मों के बीजों की ऑनलाइन बुकिंग 3 फरवरी 2025 से शुरू हो चुकी है। बुकिंग के लिए किसानों को अपने कृषक कोड का उपयोग करना होगा। एक किसान अधिकतम 100 बड (सिंगल बड) तक बुकिंग कर सकता है। बुकिंग के बाद बीजों का वितरण 15 फरवरी 2025 से शुरू होगा, जो नजदीकी शोध केंद्रों से किया जाएगा।
किस्मों के विशेष गुण
को.शा. 18231 किस्म लाल सड़न रोग प्रतिरोधी है और इससे मोटा गन्ना पैदा होता है। वहीं, को.लख. 16202 किस्म उकठा और लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी है। यह किस्म चीनी मिलों को अच्छी चीनी परता देने के लिए जानी जाती है।
किसानों के लिए सलाह
गन्ना विभाग के निदेशक वीके शुक्ला ने किसानों को सलाह दी है कि वे बसंतकालीन गन्ने की बुवाई के लिए नए बीजों का चयन करें और पुराने या रोगग्रस्त बीजों से बचें। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि वे अधिक से अधिक क्षेत्र में गन्ने की बुवाई करें और बीजों को सुरक्षित रखें।
भविष्य की संभावनाएं
इन नई किस्मों के साथ किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन मिलेगा, बल्कि चीनी मिलों को भी अच्छी गुणवत्ता वाली चीनी मिलेगी। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और गन्ने की खेती को और अधिक लाभदायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गन्ने की ये नई किस्में किसानों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकती हैं। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा ने इन बीजों को और अधिक सुलभ बना दिया है। किसानों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अपनी आय को बढ़ाने के लिए इन नई किस्मों का उपयोग करना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए किसान उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद की आधिकारिक वेबसाइट या चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर संपर्क कर सकते हैं।