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UP के किसानो को बड़ा झटका किसान सम्मान निधि के पैसे की होगी बसूली।

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उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत मिलने वाली राशि में कटौती करने का फैसला किया है। इससे राज्य के लाखों किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देना है। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को हर साल ₹6,000 की राशि तीन किस्तों में उनके बैंक खाते में दी जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस राशि में ₹4,000 और जोड़ने का ऐलान किया था। इस तरह, किसानों को हर साल कुल ₹10,000 मिलते थे।

अब क्या बदलाव हो रहा है?

हाल ही में खबर आई है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान सम्मान निधि में मिलने वाले अतिरिक्त ₹4,000 को खत्म करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अब किसानों को सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले ₹6,000 ही मिलेंगे। यह फैसला राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है। लेकिन इससे किसानों के बीच नाराजगी और चिंता बढ़ गई है।

इसके क्या असर होंगे?

  1. अतिरिक्त ₹4,000 की राशि खत्म होने से किसानों की आय में कमी आएगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा।
  2. बीज, खाद और दूसरी कृषि सामग्री की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में, वित्तीय मदद में कमी से किसानों पर और ज्यादा आर्थिक दबाव पड़ेगा।
  3. इस फैसले के खिलाफ किसान संगठनों और राजनीतिक दलों की तरफ से विरोध हो सकता है। यह मुद्दा आने वाले चुनावों में भी उठ सकता है।

सरकार का क्या कहना है?

सरकार का कहना है कि वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण यह फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा है कि वे किसानों की भलाई के लिए दूसरी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए यह कठोर फैसला लेना जरूरी था।

किसानों की क्या प्रतिक्रिया है?

किसान संगठनों और किसानों ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि पहले से ही कृषि क्षेत्र संकट में है। ऐसे में, वित्तीय मदद में कमी से उनकी स्थिति और बिगड़ेगी। उन्होंने सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने और किसानों के हित में कदम उठाने की अपील की है।

आगे क्या होगा?

अब यह देखना जरूरी होगा कि सरकार इस फैसले पर दोबारा विचार करती है या नहीं। किसान संगठनों के दबाव और आने वाले चुनावों को देखते हुए, सरकार को किसानों की चिंताओं को गंभीरता से लेना होगा। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि कृषि क्षेत्र को मजबूती मिल सके और किसानों की आय बढ़ सके।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों में निराशा और चिंता का माहौल है। यह फैसला उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस फैसले पर दोबारा विचार करे और किसानों के हित में ठोस कदम उठाए। इससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

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