उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी निराशाजनक खबर सामने आई है। यूपी सरकार ने इस साल गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएमएस) में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, जिससे किसानों को एक बड़ा झटका लगा है। गन्ना किसानों का कहना है कि बढ़ती लागत और महंगाई के बीच गन्ने के मूल्य में वृद्धि न होने से उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होगी। आइए जानते हैं कि आखिर यूपी सरकार ने गन्ने का मूल्य क्यों नहीं बढ़ाया और इसका किसानों पर क्या असर होगा।
गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएमएस) में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इसके तहत सामान्य किस्म के गन्ने का मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल, प्रारंभिक किस्म का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल और असामान्य किस्म का मूल्य 335 रुपये प्रति क्विंटल ही रहेगा। यह फैसला किसानों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस बार गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करेगी।
किसानों की मांग और सरकार का रुख
गन्ना किसानों का कहना है कि खेती की लागत लगातार बढ़ रही है और महंगाई के कारण उनका खर्च भी बढ़ गया है। ऐसे में गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी न होने से उनकी आय में कमी आएगी और उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होगी। किसानों ने सरकार से मांग की थी कि गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए, लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग को नजरअंदाज कर दिया।
सरकार का कहना है कि गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी न करने का फैसला चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर लिया गया है। सरकार का मानना है कि अगर गन्ने का मूल्य बढ़ाया जाता है, तो चीनी मिलों को नुकसान होगा और वे किसानों का भुगतान समय पर नहीं कर पाएंगी।
किसानों पर क्या होगा असर?
गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी न होने से किसानों की आय में कमी आएगी और उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होगी। किसानों का कहना है कि उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है और उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। इससे किसानों का मनोबल टूट रहा है और वे खेती छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं।
अब आगे क्या होगा?
गन्ना किसानों के लिए यह फैसला एक बड़ी चुनौती लेकर आया है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग को नहीं सुना, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वह गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करे और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाए।
यूपी सरकार का गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी न करने का फैसला किसानों के लिए एक बड़ा झटका है। इससे किसानों की आय में कमी आएगी और उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होगी। अब यह देखना होगा कि सरकार किसानों की मांग को सुनती है या नहीं और किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है। किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्याओं को समझेगी और उनके हित में फैसला लेगी।